कुदरत के खेल भी निराले होते हैं। कई बार कुदरत कुछ ऐसा खेल दिखा देती है जो बिल्कुल करिश्मे जैसे लगता है। ऐसा ही फिर एक बार देखने को मिला है। दुनिया के सबसे सूखे रेगिस्तानों में से एक चिली के उत्तर में स्थित अटाकामा रेगिस्तान ने हाल में हैरान कर देने वाला दृश्य पेश किया। अल्मा (अटाकामा लार्ज मिलीमीटर एरे) ऑब्जर्वेटरी के 9,500 फीट ऊंचे परिसर में दस साल बाद पहली बार बर्फबारी हुई। चारों ओर फैली रेत और चट्टानों के बीच बर्फ की सफेद चादर देखकर वैज्ञानिक भी चकित हैं। हालांकि 5,000 मीटर ऊंचे चाज्ननाटोर पठार पर बर्फबारी सामान्य मानी जाती है, लेकिन अल्मा का मुख्य केंद्र इससे अब तक अछूता रहा था।
सैंटियागो यूनिवर्सिटी के जलवायु वैज्ञानिक राउल कोर्डेरो के अनुसार यह घटना सीधे जलवायु परिवर्तन से जुड़ी है या नहीं, कहना जल्दबाजी होगी। फिर भी मौसमीय मॉडल बताते हैं कि अटाकामा जैसे अति-शुष्क क्षेत्रों में भविष्य में बारिश और बर्फबारी की घटनाएं बढ़ सकती हैं। एल नीनो जैसी मौसमी घटनाएं भी ऐसे बदलावों में भूमिका निभा सकती हैं।
अटाकामा में सालाना औसतन 1 मिलीमीटर से भी कम बारिश होती है। कुछ इलाकों में हज़ारों सालों से बारिश नहीं हुई। ऊंचाई और साफ आसमान के कारण यह जगह खगोल विज्ञान के लिए आदर्श मानी जाती है और खगोलविदों के लिए यह जगह स्वर्ग मानी जाती है। नासा जैसी एजेंसियां इसे मंगल जैसे वातावरण के अध्ययन के लिए प्रयोग करती हैं।
2011 और 2015 में अटाकामा के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और बर्फ दर्ज की गई थी लेकिन अल्मा परिसर में यह पहली बार हुआ है। 2015 की बारिश के बाद रेगिस्तान में जंगली फूलों की चादरें उग आई थीं, और पूरा इलाका गुलाबी-बैंगनी रंगों से भर गया था।
Updated on:
28 Jun 2025 10:19 am
Published on:
28 Jun 2025 09:17 am