आज सुबह इजरायल (ISREAL) और ईरान (IRAN) के बीच सैन्य झड़प हुई है। इजरायल ने ईरान के परमाणु (Nuclear Infrastructure) और सैन्य ठिकानों (Military Base) को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। ऑपरेशन लायन के तहत इजरायल की एयरस्ट्राइक में ईरान की सेना के चीफ और स्टाफ मोहम्मद बघेरी (Mohammad Bagheri) की मौत हुई है। इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के चीफ हुसैन सलामी भी मारे गए हैं। इजयराल ने ईरान के दो परमाण वैज्ञानिकों मोहम्मद मेहदी और फरीदून अब्बासी को भी मार दिया दिया है। ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए सैकड़ों ड्रोन और बेलेस्टिक मिसाइलें दागी हैं। जिस पर अरब वर्ल्ड की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
ईरान-इजरायल सैन्य झड़प के बाद सऊदी अरब की प्रतिक्रिया आई है। सऊदी अरब ने ईरान को अपना भाई बताते हुए इजरायली हमले की निंदा की है। सऊदी ने अपने बयान में कहा, सऊदी अरब अपने भाई जैसे देश इस्लामिक गणतंत्र ईरान के खिलाफ इजरायल की निंदा करता है। यह हमला ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा को कमजोर करता है। यह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का खुला उल्लंघन है।
सऊदी एक सुन्नी मुस्लिम बाहुल्य देश है, जबकि ईरान में 85 फीसदी से अधिक आबादी शिया समुदाय की है। दोनों के बीच लंबे समय से तनातनी चली आ रही थी। मार्च 2023 में चीन की मध्यस्थता के बाद दोनों देशों के बीच शांति समझौता हुआ। हाल ही में सऊदी के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने ईरान का दौरा किया था। उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई से मुलाकात की थी।
ओमान ने भी इजरायली हमले की निंदा की है। ओमान ने कहा- ओमान सल्तनत इस्लामी गणतंत्र ईरान के खिलाफ इजरायल के जघन्य सैन्य आक्रमण की निंदा करता है। ओमान इस हमले को मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ाने का खतरनाक तरीका मानता है। जोकि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है। यह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को अस्थिर करता है। ऐसे हमले कूटनीतिक रास्ते बंद कर देते हैं।
ईरान पर इजयराली हमले के बाद जॉर्डन का भी बयान आया है। जॉर्डन सरकार ने कहा कि हम अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की अनुमति नहीं देंगे। जॉर्डन किसी भी संघर्ष के लिए युद्धक्षेत्र के रूप में काम नहीं करेगा। दरअसल, जॉर्डन इजरायल के साथ सीमा साझा करता है। जॉर्डन के संचार मंत्री मोहम्मद अल मोमानी ने कहा कि जॉर्डन की सुरक्षा एक रेड लाइन है। उसके नागरिकों पर किसी भी प्रकार का खतरा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उधर, हमले के बाद इराक ने भी अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है। मध्य पूर्व में उपजे तनाव के बाद कई फ्लाइट्स को रद्द किया गया है। कई विमानों के रूट को परिवर्तित किया गया है।
तीन दिन पहले इंटरनेशलन एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट में बताया कि ईरान ने गुपचुप तरीके से परमाणु बम बनाने के दिशा में कई परीक्षण किए हैं। IAEA ने कहा है कि ईरान ने हथियार ग्रेड के यूरेनियम के अपने भंडार को 60 प्रतिशत बढ़ाया है। फरवरी में यूरेनियम का भंडार 133.8 किलोग्राम था, जो कि मई में 408.6 किलोग्राम कर पहुंच गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तेहरान के पास 10 परमाणु बम बनाने जितनी सामग्री उपलब्ध हो गई है। जिसके बाद से ही मिडिल ईस्ट में सैन्य तनाव उत्पन्न होने के कयास लगाए जा रहे थे।
Published on:
13 Jun 2025 01:17 pm