Indigo: 19 जून को इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E-6764, जो गुवाहाटी से चेन्नई जा रही थी, ने एक गंभीर स्थिति का सामना किया। इस फ्लाइट में 168 यात्री सवार थे, और इसे चेन्नई में लैंड करने की अनुमति नहीं मिली, जिसके कारण पायलट को 'फ्यूल मेडे' कॉल जारी करनी पड़ी। अंततः, विमान को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) पर आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी।
फ्लाइट 6E-6764, एक एयरबस A321, ने गुवाहाटी से शाम को उड़ान भरी थी और चेन्नई में रात 7:45 बजे लैंड करने वाली थी। सूत्रों के अनुसार, चेन्नई हवाई अड्डे पर भारी ट्रैफिक और भीड़भाड़ के कारण विमान को लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली। पायलट ने चेन्नई में लैंडिंग का प्रयास किया, लेकिन लैंडिंग गियर के रनवे को छूने के बाद, उन्होंने 'बाल्क्ड लैंडिंग' या 'गो-अराउंड' मैन्यूवर करने का फैसला किया, क्योंकि दृष्टिकोण अस्थिर था। इस प्रक्रिया में विमान ने अतिरिक्त ईंधन खर्च किया, जिसके कारण ईंधन का स्तर खतरनाक रूप से कम हो गया।
चेन्नई में दूसरा लैंडिंग प्रयास करने के बजाय, पायलट ने बेंगलुरु की ओर रुख किया। बाद में पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को 'मेडे' कॉल जारी की, जो विमानन में सबसे गंभीर आपातकालीन संकेत है। 'मेडे' शब्द फ्रेंच वाक्यांश 'm’aidez' (मेरी मदद करें) से लिया गया है और इसे तीन बार दोहराया जाता है ताकि स्थिति की गंभीरता स्पष्ट हो। इस कॉल के बाद, बेंगलुरु ATC ने तुरंत कार्रवाई की। हवाई अड्डे पर मेडिकल और अग्निशमन टीमें तैनात की गईं, और विमान को प्राथमिकता के आधार पर लैंडिंग की अनुमति दी गई। फ्लाइट रात 8:15 बजे सुरक्षित रूप से बेंगलुरु में उतरी।
इंडिगो ने दावा किया कि चेन्नई में ट्रैफिक भीड़भाड़ के कारण डायवर्शन हुआ, लेकिन चेन्नई ATC ने इस दावे को खारिज किया। सूत्रों के अनुसार, विमान में वैकल्पिक लैंडिंग स्थल के लिए आवश्यक न्यूनतम ईंधन नहीं था, जो गंभीर चूक हो सकती है। दोनों पायलटों को जांच पूरी होने तक ड्यूटी से हटा दिया गया है, और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
"मेडे कॉल" (Mayday Call) एक अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन संकट सिग्नल है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से समुद्री और हवाई संचार में किया जाता है। यह फ्रांसीसी शब्द "m'aider" (मेरी मदद करें) से लिया गया है और इसे तब इस्तेमाल किया जाता है जब कोई जहाज, विमान या व्यक्ति गंभीर खतरे में हो और तत्काल सहायता की आवश्यकता हो। इसे रेडियो संचार में तीन बार दोहराया जाता है, जैसे "मेडे, मेडे, मेडे", इसके बाद जहाज या विमान का नाम और स्थिति की जानकारी दी जाती है।
Updated on:
22 Jun 2025 06:42 am
Published on:
21 Jun 2025 08:56 pm